Planetary Relationships in Vedic Astrol0gy : Unlocking the Secrets with easy example

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Understanding Planetary Relationships (Planets’ Friends and Enemies) in Vedic Astrology

वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के मित्र और शत्रु को समझना

Vedic Astrology, a timeless practice rooted in the ancient scriptures of India, offers profound insights into how celestial bodies influence our lives.
वैदिक ज्योतिष, भारत के प्राचीन शास्त्रों में निहित एक कालातीत प्रथा, यह बताती है कि कैसे आकाशीय पिंड हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं।

One of its fundamental concepts revolves around the planetary relationships , often described as friendships and enmities.
इसका एक मौलिक सिद्धांत ग्रहों के बीच संबंधों के इर्द-गिर्द घूमता है, जिसे अक्सर मित्रता और शत्रुता के रूप में वर्णित किया जाता है।

Understanding these planetary relationships can help you better interpret astrological charts and their impacts on your life.
इन संबंधों को समझने से आप ज्योतिषीय चार्ट और उनके जीवन पर प्रभाव को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं।

The Planetary Hierarchy

ग्रहों की श्रेणी

In Vedic Astrology, nine primary celestial bodies are considered, often referred to as ‘Navagrahas’.
वैदिक ज्योतिष में, नौ प्रमुख आकाशीय पिंडों को माना जाता है, जिन्हें अक्सर ‘नवग्रह’ कहा जाता है।

These include:
इनमें शामिल हैं:

  • Sun (Surya)
  • सूर्य
  • Moon (Chandra)
  • चंद्र
  • Mars (Mangal)
  • मंगल
  • Mercury (Budh)
  • बुध
  • Jupiter (Guru)
  • गुरु
  • Venus (Shukra)
  • शुक्र
  • Saturn (Shani)
  • शनि
  • Rahu (North Node of the Moon)
  • राहु
  • Ketu (South Node of the Moon)
  • केतु

Each of these planets has specific characteristics and influences various aspects of life, such as personality traits, career, relationships, and health.
इनमें से प्रत्येक ग्रह की विशेषताएँ हैं और यह जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है, जैसे व्यक्तित्व गुण, करियर, रिश्ते और स्वास्थ्य।

Planetary Relationships, such as Friendships and Enmities Among Planets

ग्रहों के बीच मित्रता और शत्रुता

The Planetary relationships can be compared to human relationships, where some planets are friendly towards each other, some are neutral, and others are considered enemies.
ग्रहों के बीच संबंधों की तुलना मानव संबंधों से की जा सकती है, जहाँ कुछ ग्रह एक-दूसरे के प्रति मित्रवत होते हैं, कुछ तटस्थ होते हैं, और अन्य शत्रु माने जाते हैं।

These Planetary relationships play a crucial role in determining how planets influence an individual’s horoscope.
ये संबंध यह निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं कि ग्रह किसी व्यक्ति की कुंडली को कैसे प्रभावित करते हैं।

Here’s a simplified chart of the planets’ friendships and enmities:
यहाँ ग्रहों की मित्रता और शत्रुता का एक सरल चार्ट है:

PlanetFriendsNeutralsEnemies
ग्रहमित्रतटस्थशत्रु
SunMoon, Mars, JupiterMercuryVenus, Saturn
सूर्यचंद्र, मंगल, गुरुबुधशुक्र, शनि
MoonSun, MercuryMars, Jupiter, Venus, SaturnNone
चंद्रसूर्य, बुधमंगल, गुरु, शुक्र, शनिकोई नहीं
MarsSun, Moon, JupiterVenus, SaturnMercury
मंगलसूर्य, चंद्र, गुरुशुक्र, शनिबुध
MercurySun, VenusMars, Jupiter, SaturnMoon
बुधसूर्य, शुक्रमंगल, गुरु, शनिचंद्र
JupiterSun, Moon, MarsSaturnMercury, Venus
गुरुसूर्य, चंद्र, मंगलशनिबुध, शुक्र
VenusMercury, SaturnMars, JupiterSun, Moon
शुक्रबुध, शनिमंगल, गुरुसूर्य, चंद्र
SaturnMercury, VenusJupiterSun, Moon, Mars
शनिबुध, शुक्रगुरुसूर्य, चंद्र, मंगल
RahuVenus, SaturnMercurySun, Moon, Mars, Jupiter
राहुशुक्र, शनिबुधसूर्य, चंद्र, मंगल, गुरु
KetuMars, JupiterSun, Venus, SaturnMoon, Mercury
केतुमंगल, गुरुसूर्य, शुक्र, शनिचंद्र, बुध
Planetary Relationships Chart
Planetory Realtionships

Practical Implications of Planetary Relationships

ग्रहों के संबंधों के व्यावहारिक प्रभाव

Understanding these planetary relationships is key to interpreting various astrological elements:
इन संबंधों को समझना विभिन्न ज्योतिषीय तत्वों की व्याख्या करने की कुंजी है:

  1. Birth Chart Analysis:
    जन्म कुंडली विश्लेषण:
    • A friendly planet in a favorable house strengthens positive outcomes.
      अनुकूल घर में एक मित्रवत ग्रह सकारात्मक परिणामों को मजबूत करता है।
    • An enemy planet might bring challenges or delays in the areas governed by that house.
      शत्रु ग्रह उस घर द्वारा शासित क्षेत्रों में चुनौतियां या विलंब ला सकता है।
  2. Transits:
    गोचर:
    • The transit of a friendly planet over important houses can bring auspicious results.
      महत्वपूर्ण घरों पर मित्र ग्रह का गोचर शुभ परिणाम ला सकता है।
    • Conversely, the transit of an enemy planet might cause turbulence.
      इसके विपरीत, शत्रु ग्रह का गोचर अशांति ला सकता है।
  3. Dasha Periods:
    दशा अवधि:
    • During the dasha (planetary period) of a friendly planet, one can expect favorable events.
      मित्र ग्रह की दशा (ग्रह अवधि) के दौरान, एक अनुकूल घटनाओं की उम्मीद कर सकता है।
    • The dasha of an enemy planet might be marked by obstacles and hardships.
      शत्रु ग्रह की दशा में बाधाओं और कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
Planetary Relationships

Example Analysis to understand Planetary Relationships

उदाहरण विश्लेषण

Consider a person with the Sun in Leo. The Sun is in its own sign and is naturally strong.
एक व्यक्ति को सिंह राशि में सूर्य के साथ मानें। सूर्य अपनी ही राशि में है और स्वाभाविक रूप से मजबूत है।

If the Moon, Mars, or Jupiter (Sun’s friends) influence this Sun, it enhances the person’s vitality, leadership qualities, and overall success.
यदि चंद्र, मंगल या गुरु (सूर्य के मित्र) इस सूर्य को प्रभावित करते हैं, तो यह व्यक्ति की जीवन शक्ति, नेतृत्व गुणों और समग्र सफलता को बढ़ाता है।

However, if Venus or Saturn (Sun’s enemies) influence this position, the individual might face issues related to ego, authority, or health.
हालाँकि, यदि शुक्र या शनि (सूर्य के शत्रु) इस स्थिति को प्रभावित करते हैं, तो व्यक्ति को अहंकार, अधिकार या स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

Enhancing Planetary Relationships

ग्रहों के संबंधों को बढ़ाना

Astrologers often suggest remedies to strengthen beneficial planetary influences or mitigate adverse effects.
ज्योतिषी अक्सर लाभकारी ग्रह प्रभावों को मजबूत करने या प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के उपाय सुझाते हैं।

Some common practices include:
कुछ सामान्य प्रथाओं में शामिल हैं:

  • Wearing Gemstones: Each planet is associated with specific gemstones that can enhance their positive effects.
    रत्न पहनना: प्रत्येक ग्रह विशिष्ट रत्नों से संबंधित होता है जो उनके सकारात्मक प्रभावों को बढ़ा सकते हैं।
  • Mantras and Chants: Reciting specific mantras related to the planets can appease them.
    मंत्र और जप: ग्रहों से संबंधित विशिष्ट मंत्रों का जाप करना उन्हें प्रसन्न कर सकता है।
  • Charity and Rituals: Performing specific acts of charity or rituals can help balance planetary influences.
    दान और अनुष्ठान: विशिष्ट दान या अनुष्ठान करना ग्रहों के प्रभाव को संतुलित करने में मदद कर सकता है।

Conclusion

निष्कर्ष

Understanding the friendships and enmities among planets (Planetary Relationships) in Vedic Astrology provides a deeper insight into how celestial energies interact and affect our lives.
वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के बीच मित्रता और शत्रुता को समझना यह बताता है कि आकाशीय ऊर्जाएँ कैसे परस्पर क्रिया करती हैं और हमारे जीवन को प्रभावित करती हैं।

By knowing these planetary relationships, you can better navigate your life’s journey, using the strengths and mitigating the challenges presented by the planetary influences.
इन संबंधों को जानकर, आप ग्रहों के प्रभाव से प्रस्तुत शक्तियों का उपयोग करके और चुनौतियों को कम करके अपने जीवन की यात्रा को बेहतर तरीके से नेविगेट कर सकते हैं।

Explore these cosmic relationships and see how they shape your destiny.
इन ब्रह्मांडीय संबंधों का अन्वेषण करें और देखें कि वे आपकी नियति को कैसे आकार देते हैं।

Whether you are a seasoned astrologer or a curious beginner, delving into the dynamics of planetary friendships and enmities can add a valuable layer to your astrological understanding.
चाहे आप एक अनुभवी ज्योतिषी हों या एक जिज्ञासु शुरुआती, ग्रहों की मित्रता और शत्रुता की गतिशीलता में गहराई से उतरने से आपकी ज्योतिषीय समझ में एक मूल्यवान परत जुड़ सकती है।

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